भारत में कर्क रेखा की लंबाई कितनी है? Bharat Me Kark Rekha Ki Lambai Kitni Hai

क्या आप जानते हैं कि भारत में कर्क रेखा की लंबाई कितनी है? यह एक महत्वपूर्ण भूगोलिक तथ्य है जो हमारे देश की भूमि के विशेषता को समझने में मदद करता है। कर्क रेखा, जिसे नॉर्डन ट्रॉपिक भी कहा जाता है, भारतीय मौसम और जलवायु के लिए महत्वपूर्ण है। इस लेख में, हम आपको इस काल्पनिक रेखा के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी देंगे, जिसमें इसकी लंबाई, भारतीय राज्यों में इसका प्रभाव, और इसका महत्व शामिल है।
भारत में कर्क रेखा की लंबाई कितनी है?
कर्क रेखा की कुल लंबाई 3214 किलोमीटर है। इसका मतलब है कि यह रेखा भारतीय भूमि पर लगभग 3214 किलोमीटर तक फैली हुई है। इसके अलावा, 23.4364 उत्तर अक्षांश पर कर्क रेखा की लंबाई लगभग 36,788 किलोमीटर (22,859 मील) होती है। यहां तक कर्क रेखा भारत के दक्षिणी और पूर्वी हिस्सों से होकर गुजरती है और इसका महत्व खासतर सूर्य के तापमान और बर्फ के पिघलने की प्रक्रिया के संबंध में है।
कर्क रेखा की सर्वाधिक लंबाई कौन से राज्य में है?
कर्क रेखा की सर्वाधिक लंबाई भारतीय राज्य मध्य प्रदेश में है। यहां पर कर्क रेखा की लंबाई लगभग 3214 किलोमीटर है, जो इसे भारतीय भूमि पर सबसे अधिक फैली हुई रेखा बनाता है। मध्य प्रदेश एक महत्वपूर्ण कृषि राज्य है, और कर्क रेखा की लंबाई के कारण यहां का जलवायु भी विशेष है।
कर्क रेखा की सबसे कम लंबाई कौन से राज्य में है?
भारत में कर्क रेखा की सबसे कम लंबाई राजस्थान में है। राजस्थान में कर्क रेखा की लंबाई लगभग 26 किलोमीटर है, जो इसे भारत के राज्यों में सबसे कम फैली हुई रेखा बनाता है। यहां तक की बात है कि गंगानगर नामक स्थल पर कर्क रेखा के निकटतम बिंदु पर सूर्य की किरणें सर्वाधिक तिरछी होती हैं, जबकि बाँसवाड़ा (कुशलगढ़) में सूर्य की किरणें कर्क रेखा पर सर्वाधिक सीधी पड़ती हैं।
कर्क रेखा भारत के कितने राज्य को काटती है?
कर्क रेखा भारत के आठ राज्यों से होकर गुजरती है: मिजोरम, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, और गुजरात। इन राज्यों में कर्क रेखा का महत्वपूर्ण प्रभाव होता है, और यह भूमि के जलवायु और कृषि के लिए महत्वपूर्ण है।
भारत में कर्क रेखा कितने डिग्री से गुजरती है?
कर्क रेखा एक काल्पनिक रेखा की तरह है जो भूमध्य रेखा से 23.50 डिग्री उत्तर के कोण पर पाई जाती है, और इसका मतलब है कि यह रेखा भारत के दक्षिणी और पूर्वी हिस्सों से होकर गुजरती है। कर्क रेखा का उपयोग भारतीय जलवायु, कृषि, और जल संसाधनों के अध्ययन के लिए किया जाता है, और यह भूमि के विभिन्न हिस्सों के बीच मौसम की अंतरात्मा को समझने में मदद करता है।
संक्षेप
कर्क रेखा, भारतीय भूमि का महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हमारे देश के मौसम, कृषि, और जलवायु परिवर्तन को प्रभावित करती है। इस रेखा की लंबाई कितनी है, यह एक रोचक जानकारी है जो हमारे देश की भूमि की विशेषता को समझने में मदद करती है।
इसके अलावा, यह रेखा भारतीय जलवायु, कृषि, और जल संसाधनों के लिए महत्वपूर्ण है और भारतीय भूमि के विभिन्न हिस्सों के बीच मौसम की अंतरात्मा को समझने में मदद करता है। कर्क रेखा की लंबाई कितनी है,
यह जानकारी हमारे देश की भूमि की विशेषताओं को समझने में मदद करती है और हमें इसके महत्व को समझने में मदद करती है।